Friday, March 21, 2014

Complaint against smoking in Public place

For larger awareness on this serious issue

Complaint against smoking in Public place (Jawahar Bhawan) 

Today I have sent a complaint to ADG, Technical Services against three persons from Ernst and Young unit presently working in his office, for smoking in public place.  

When I had asked these people why they are smoking in public place, they said that they did not think they were doing anything wrong, nor did they think it was illegal. On the contrary section 4 of Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act, 2003 specifically prohibits smoking in public place and section 21 provides a penalty of Rs. 200 after summary trial.

Hence, I have requested ADG, Technical Services as Head of his office to get a preliminary enquiry conducted in this matter and to send a formal complaint to the competent authority. I have also requested Dr S P Bhaskar, State Nodal Officer, State Tobacco Control and Dr U N Rai, Nodal Officer, District Tobacco Control cell, Lucknow to take this instance in its larger perspective so as to act against all such cases of smoking in public places. 

The purpose of the exercise is primarily for contributing my bit to public awareness. 

Copy- letter of the complaint

सार्वजनिक स्थान (जवाहर भवन) में धूम्रपान पर शिकायत

मैंने आज जवाहर भवन, लखनऊ में पुलिस तकनीकी सेवाएँ में कार्यरत अर्नस्ट एंड यंग ईकाई के तीन लोगों के खिलाफ सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने के सम्बन्ध में एडीजी, तकनीकी सेवाएँ को एक शिकायत भेजी है.

जब मैंने इन तीनों से पूछा था कि वे सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि वे कोई गलत कार्य कर रहे हैं और ना ही उनके अनुसार इस प्रकार की कोई कानूनी रोक है. इसके विपरीत सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा  वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 की धारा 4 में स्पष्ट रूप से अंकित है कि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर किसी प्रकार का धूम्रपान नहीं कर सकता और इस एक्ट की धारा 21 के अनुसार यह एक दंडनीय अपराध है जिसमे समरी ट्रायल के बाद रुपये 200 का जुरमाना प्राविधानित है.

अतः मैंने एडीजी, तकनीकी सेवाएँ को कार्यालयाध्यक्ष होने के नाते इस सम्बन्ध में प्रारम्भिक छानबीन करा कर सक्षम प्राधिकारी को आधिकारिक कम्प्लेन भेजने हेतु निवेदन किया है. साथ ही डॉ एस पी भास्कर, स्टेट नोडल आफिसर, राज्य तम्बाकू प्रकोष्ठ तथा डॉ यू एन राय, नोडल अफसर, जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, लखनऊ को भी इस दृष्टांत को एक व्यापक सन्दर्भ में देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान पर अंकुश लगाने हेतु अनुरोध किया है. 

मेरा मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से जनजागृति में अपना योगदान देना है.

संलग्न- शिकायत की प्रति

अमिताभ ठाकुर
# 094155-34526


सेवा में,
अपर पुलिस महानिदेशक,
तकनीकी सेवाएँ,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ

विषय- आपके कार्यालय में वर्तमान में एसपीएमयू अर्नस्ट एंड यंग ईकाई में कार्यरत तीन व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान किये जाने की शिकायत  
महोदय,
      कृपया निवेदन है कि मैं अमिताभ ठाकुर जवाहर भवन स्थित नागरिक सुरक्षा निदेशालय में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हूँ. मैं आज दिनांक
21/03/2014 को समय लगभग 11.00 बजे जवाहर भवन की सीढ़ियों से अपने पंचम तल स्थित कार्यालय पर जा रहा था. चौथे तल पर स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया नियंत्रण सम्बंधित कार्यालय के बाहर सीढ़ियों पर तीन व्यक्ति खड़े हो कर सिगरेट पी रहे थे. उनमे से एक व्यक्ति ने लाल रंग का शर्ट, जिस पर लम्बी धारियां बनी थीं और नीले रंग का पेंट पहन रखा था. दूसरे व्यक्ति ने सफ़ेद रंग का शर्ट और काले रंग का पेंट पहना था और तीसरे व्यक्ति ने ब्लू शर्ट और भूरे रंग का पेंट पहना था. लाल शर्ट वाले व्यक्ति काफी लम्बे कद के थे और बाकी दोनों औसत कद के थे.
मैंने इन तीनों से पूछा कि वे सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि वे कोई गलत कार्य कर रहे हैं और ना ही उनके अनुसार इस प्रकार की कोई कानूनी रोक है.
इसके विपरीत विधिक स्थिति यह है कि Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act, 2003 की धारा 4 में स्पष्ट रूप से अंकित है कि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर किसी प्रकार का धूम्रपान नहीं कर सकता और इस एक्ट की धारा 21 के अनुसार यह एक दंडनीय अपराध है जिसमे समरी ट्रायल के बाद रुपये 200 का जुरमाना प्राविधानित है.
मेरी जानकारी के अनुसार प्रत्येक कार्यालयाध्यक्ष अपने-अपने कार्यालय में इस एक्ट के अनुपालन हेतु सक्षम प्राधिकारी हैं जिनके स्तर से इस एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर कम्प्लेन की कार्यवाही अपेक्षित है. मैंने बाद में उस स्थान पर जा कर सिगरेट के तीन बचे हुए टुकड़े भी इक्कठे किये जो इस पत्र के साथ साक्ष्य के रूप में संलग्न हैं. साथ ही मैंने आपके कार्यालय में जा कर यह ज्ञात किया कि वे तीनों व्यक्ति एक कमरा जिसके बाहर एसपीएमयू अर्नस्ट एंड यंग लिखा है और जो कमरा नंबर
408 के बगल में अवस्थित है, में बैठ कर कंप्यूटर पर कार्य करते दिखे.
मैं चाहता तो आपसे आ कर मौखिक रूप से भी यह प्रकरण बता कर इसे निक्षेपित कर सकता था अथवा इसे अपने स्तर से भूल भी सकता था, लेकिन मैं अपनी परेशानी और कई लोगों की नाराजगी लेने के भय के बावजूद यह प्रकरण आपके समक्ष इसलिए ला रहा हूँ क्योंकि संभव है इस तरह के प्रयास उपरोक्त एक्ट के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने में सहायक हो सकें और इस एक्ट के उद्देश्यों को वास्तव में पूरा करने में मदद करें.
मेरी इन तीन लोगों से कोई भी व्यक्तिगत शिकायत नहीं है. दोषी होने के बाद दो सौ रुपये का दंड भी इन तीनों के लिए ऐसा दंड नहीं है जिससे इन्हें कोई बहुत व्यक्तिगत नुकसान पहुंचे. यह एक्ट एक बड़े उद्देश्य के लिए पारित किया गया था
 लेकिन मेरे द्वारा प्रस्तुत दृष्टांत दर्शाता है कि इसका लोगों की गैर-जानकारी में व्यापक उल्लंघन हो रहा है. अतः मैं यह शिकायत अपनी व्यक्तिगत हैसियत में आपके समक्ष तकनीकी सेवाएँ के कार्यालयाध्यक्ष होने के नाते इस अनुरोध के साथ प्रस्तुत कर रहा हूँ कि कृपया इस सम्बन्ध में प्रारम्भिक छानबीन करा कर इस सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी को लिखित कम्प्लेन प्रेषित करने की कृपा करें, ताकि ये तीनों व्यक्ति इस एक्ट की अवधारणा के अनुरूप दण्डित हों तथा इससे अन्य स्तरों पर भी इस एक्ट के प्रति लोगों में जागरूकता फैले.

पत्रसंख्या- AT/Tobacco/TS                                 भवदीय,
दिनांक-
21/03/2014
                                                      (अमिताभ ठाकुर)
                                                     
                संयुक्त निदेशक,
                                                      नागरिक सुरक्षा,
                                                            उत्तर प्रदेश. लखनऊ

प्रतिलिपि निम्न को कृपया इस अनुरोध के साथ प्रस्तुत कि इस दृष्टांत को एक व्यापक सन्दर्भ में एक उदाहरण के रूप में देखते हुए इसमें तथा इसके अतिरिक्त अन्यथा भी समुचित कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें-
1. डॉ एस पी भास्कर, स्टेट नोडल आफिसर, राज्य तम्बाकू प्रकोष्ठ, स्वास्थ्य भवन, लखनऊ
2. डॉ यू एन राय, मुख्य चिकित्साध्य्क्ष, बलरामपुर चिकित्सालय/ नोडल अफसर, जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, लखनऊ
















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