Monday, September 29, 2014

Northern Railway initiative against obscene toilet remarks



Northern Railway takes initiative against obscene remarks in coach toilets

 

Yesterday I got a letter which gave me utmost satisfaction to know that one of my small initiatives had been appreciated by the concerned Department and appropriate action taken in this regards.  I am talking of letter from Northern Railway which has taken an initiative to completely eradicate the menace of obscene words, vulgar graffiti etc in coach toilets.

Presenting photograph of an obscene writing during his journey in Delhi-Lucknow Rajdhani Express in July 2014, I had requested the Chairman of Railway Board to initiate action to curb such obscene remarks.

Now Barjesh Dharmani, Deputy Chief Commercial Manager, Northern Railway has intimated me that instructions have been given to all divisions to instruct all the coach attendants and ticket checking staff to have a watch on such miscreants to curb such activities. On board staff has been directed to take remedial action to obliterate such remarks found during duties.

Mechanical Department has also been asked to launch a drive to erase and scrub such dirty remarks in the coach toilets.

I thank Northern Railway officers from the core of my heart.


ट्रेन शौचालयों में अश्लीलता हटाने को उत्तरी रेलवे की पहल 

 

कल एक पत्र प्राप्त होने पर मन अत्यंत हर्षित हो गया कि चलो मेरे एक प्रयास को संबंधित विभाग ने सराहा और उस पर ठोस कार्यवाही भी शुरू की. बात कर रहा हूँ उत्तरी रेलवे द्वारा भेजे एक पत्र की जिसके अनुसार उसने अपने सभी ट्रेनों के डिब्बों के शौचालय आदि में लिखी तमाम अश्लील बातों, गंदे चित्रों आदि को रोकने की दिशा में पहल किया है.

मैंने जुलाई 2014 में अपनी दिल्ली-लखनऊ राजधानी एक्सप्रेस यात्रा में इस प्रकार के लिखे अश्लील शब्द की तास्वीर प्रस्तुत करते हुए अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड से इनके सम्बन्ध में कड़ी कार्यवाही का निवेदन किया था.

ब्रजेश धरमानी, उप मुख्य कमर्शियल मेनेजर, उत्तरी रेलवे ने मुझे पत्र भेज कर अवगत कराया है कि उत्तरी रेलवे के सभी डिवीज़न को आदेशित किया गया है कि वे सभी कोच अटेंडेंट तथा टिकेट निरीक्षण स्टाफ को इस प्रकार के कुत्सित हरकत करने वालों कर निगाह रखे. कोच स्टाफ को ऐसी अश्लील बातों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही यांत्रिकी विभाग को एक अभियान चला कर सभी शौचालयों से ऐसी अश्लील बातों को हटाने के भी निर्देश जारी किये गए हैं.

उत्तर रेलवे के अधिकारियों को ह्रदय से आभार. 

 


सेवा में,
अध्यक्ष,
रेलवे बोर्ड,
भारत सरकार,
नयी दिल्ली
विषय- भारतीय रेल के विभिन्न ट्रेनों में अत्यंत अश्लील शब्दावली/ चित्र आदि के विषय में
महोदय,
      मैं अमिताभ ठाकुर पेशे से यूपी कैडर का एक आईपीएस अधिकारी हूँ और व्यक्तिगत स्तर पर विभिन्न सामाजिक कार्यों से भी जुड़ा रहता हूँ.

हाल में मैं लखनऊ से दिल्ली गया था और वहां से दिनांक 09/07/2014 को दिल्ली-लखनऊ राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12430), के थर्ड एसी के कोच न० बी9, जिसमे हमारा बर्थ नंबर 25 (पत्नी डॉ नूतन ठाकुर) तथा 28 (मेरा) था, से वापस लखनऊ लौट रहा था.
उस कोच के एक शौचालय में निम्न बात लिखी हुई थी -“लडकियां @@ के लिए हमसे बात करें. 81265-53157 पर, 81265-53157 काल मी. काल करें, B.T.K कर रहा हूँ. मेरी उम्र 22 वर्ष है. मेरा @@ 7 इंच लम्बा और मोटा है.” (@@ का प्रयोग दो अत्यंत अश्लील शब्दों के लिए किया गया है). ऐसा नहीं है कि मैंने इस तरह की लिखी बातें पहले भारतीय रेल में कभी नहीं देखी हो. मैं पूरे देश की बात नहीं जानता पर यूपी और बिहार, जहां मैंने अपने जिन्दगी का ज्यादातर हिस्सा बिताया है, में ट्रेनों के  शौचालयों में इस तरह की गन्दी बातें और तस्वीरें बहुत ज्यादा दिखती रही हैं, यद्यपि यह भी सही है कि ऐसी गन्दी तस्वीरें एसी कोच की तुलना में सेकंड क्लास में ज्यादा संख्या में दिख जाती हैं.
पूर्व में भी कई बार इस तरह की तस्वीर, शब्द आदि देख कर मुझे एक अजीब सी वितृष्णा और नाराजगी होती थी पर इस बार मैंने निश्चित किया कि मैं यह प्रकरण रेलवे के वरिष्ठतम अधिकारियों के संज्ञान में लाऊंगा और उनसे यह अनुरोध करूँगा कि वे इस प्रकार की गंदगी को रेलवे से दूर करने का पुख्ता इंतज़ाम करें. अतः मैंने इन शब्दों की फोटो खींची जिसे मैं इस पत्र के साथ सम्बद्ध कर रहा हूँ.
आप स्वयं सहमत होंगे कि सार्वजनिक स्थानों पर, रेलवे ट्रेन की कोचों में, इस तरह की घटिया, अश्लील और ओछी बातें किसी भी प्रकार से उचित नहीं हैं. ट्रेन में हर प्रकार के और हर उम्र के लोग आते-जाते हैं, महिलायें होती हैं, बच्चे-बच्चियां होते हैं. इसके अलावा कई बार देश-विदेश के लोग भी यात्रा करते हैं. जाहिर है कि जब वे ट्रेन के शौचालय में जाते हैं और वहां ऐसी भद्दी बातें और गन्दी तस्वीरें देखते हैं तो उन्हें किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं लगता होगा. सार्वजनिक स्थान पर इस प्रकार की अश्लीलता अपने आप में अपराध और घृणित तो है ही, यह पूरे रेलवे प्रशासन के प्रति भी अनुचित सन्देश देता है.

चूँकि ये सारी ट्रेनें और उसके कोच रेलवे मंत्रालय के सम्पूर्ण नियंत्रण में है जहां रेलवे विभाग के हर प्रकार के स्टाफ काम करते हैं, अतः जब भी कोई व्यक्ति शौचालयों में इस प्रकार की अश्लील टिप्पणी आदि देखता है, चाहे अनचाहे वह सबसे पहले रेलवे विभाग को इसके लिए दोषी और उत्तरदायी समझता है. उसके मन में आता है कि रेलवे विभाग अपने पूर्ण नियंत्रण में रहने वाले इन स्थानों पर इस तरह की गन्दी हरकतों को क्यों नहीं रोकता? और यदि ऐसी हरकतें नहीं रुक पा रही हैं तो कम से कम यह जिम्मेदारी क्यों नहीं लेता कि जिन रेलवे अधिकारियों (कोच कंडक्टर, टीटीई, कोच सहायक आदि) के अधीन वे कोच हैं जिनमे इस तरह की बातें लिखी पायी जाती हैं, उन के खिलाफ कार्यवाही की जाए और उनका इस सम्बन्ध में उत्तरदायित्व नियत किया जाए? साथ ही यह प्रश्न भी प्रत्येक व्यक्ति के जेहन में आता है कि यदि किसी ने छुप-छुपा कर ऐसी गन्दी हरकत कर भी दी तो जब ट्रेन साफ़-सफाई आदि के लिए यार्ड में जाता है तो इस तरफ ध्यान क्यों नहीं दिया जाता है और यदि ऐसी कोई अभद्र टिप्पणी, तस्वीरें आदि दिखती हैं तो उन्हें साफ़ करने की जगह उन्हें जस का तस क्यों छोड़ दिया जाता है ताकि आगे आने वाला हर आदमी उसे जाने-अनजाने पढ़ सके.
आप सहमत होंगे कि शौचालय में कौन क्या कर रहा है इस पर निगाह रखना आसान नहीं है पर आप इस बात से भी सहमत होंगे कि ऐसा करने वाले लोग बहुत अधिक संख्या में नहीं होते और यदि कोच के सम्बंधित स्टाफ को यह जानकारी हो कि इस तरह की बातों पर निगाह रखना भी उनकी जिम्मेदारी में आता है तो वे निश्चित रूप से सजग रहेंगे और इन घटनाओं की पुनरावृत्ति होने की सम्भावना काफी कम हो सकती है. अभी ऐसा लगता है कि इस प्रकार की टिप्पणियाँ आदि रेलवे की प्राथमिकता में बिलकुल नहीं है, जिसके कारण ऐसा करने वालों के हौसले भी बढे रहते हैं और इस प्रकार की अभद्र टिप्पणियाँ/चित्र भारी संख्या में अंकित होते हैं जो सालों-साल यथावत बने रहते हैं, जबकि सार्वजनिक स्थान पर और राजकीय संपत्ति पर इस प्रकार की अश्लील बातें एक आपराधिक कृत्य भी हैं और भारी प्रशासनिक लापरवाही भी.
उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत मैं आपसे निम्न निवेदन कर रहा हूँ-
1.       रेलवे ट्रेन के शौचालयों तथा अन्य स्थानों पर किसी प्रकार के अश्लील चित्रों/टिप्पणियों/शब्दों आदि की उपस्थिति को सभी स्तरों पर गंभीरता से लेने के कड़े निर्देश निर्गत करें
2.       ट्रेन के शौचालयों और अन्य स्थानों पर ऐसी अश्लील टिप्पणियों आदि की उपस्थिति के विषय में सम्बंधित कोच के स्टाफ की निश्चित जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व निर्धारित करने के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश निर्गत करने की कृपा करे
3.       ट्रेन के शौचालयों और अन्य स्थानों पर ऐसी अश्लील टिप्पणियों के अंकित होते ही यार्ड में अगली सफाई आदि होने के समय इन टिप्पणियों/चित्रों आदि को तत्काल हटाये जाने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश निर्गत करने की कृपा करें
निवेदन करूँगा कि ये निर्देश महिलाओं, बच्चे-बच्चियों, संवेदनशील नागरिकों सहित समस्त लोगों के लिए सकूनदायक सिद्ध होंगे और वर्तमान में रेलवे द्वारा जिस प्रकार अनजाने में इन आपराधिक कृत्यों में सहभागी की भूमिका निभायी जा रही है, उसे समाप्त करते हुए आम लोगों की निगाहों में भी रेलवे की छवि को बेहतर बनाने में सहायक होंगे.
पत्र संख्या- AT/Rail/Graffiti                                      भवदीय,
दिनांक-11/07/2014
                                                              (अमिताभ ठाकुर )
                                                                  5/426, विराम खंड,
                                                            गोमती नगर, लखनऊ
                                                                                                                                                                 # 94155-34526
                                                                                                                                                amitabhthakurlko@gmail.com




 


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